विशाल विचार जावेद अली ललितपुर पर चल रही सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में कुआं गांव से पधारी राष्ट्रीय कथा व्यास बाल साध्वी दिव्या भारती जी की मधुर वाणी से संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का वाचन किया जा रहा है कथा के छठवें दिन आज रुक्मणी विवाह प्रसंग का विस्तार से वर्णन किया गया जिसे सुनकर श्रद्धालु झूम उठे कथावाचक बाल साध्वी दिव्या भारती जी ने छठ में दिवस की कथा का बखान करते हुए कहा की मनुष्य ग्रहस्थी के कार्यों में इतना उलझ जाता है कि बह भगवान के लिए समय ही नहीं निकाल पाता है जीवन की आपधापी में मनुष्य ईश्वर से दूर होता जा रहा है जो अच्छी बात नहीं है धर्म से विमुख रह कर कोई भी व्यक्ति सुखमय जीवन व्यतीत नहीं कर सकता जहां पुण्य है वहां पाप जरूर होंगे जहां दिन है वहां रात जरूर आयेगी वर्तमान समय में पाप बढ़ने की बाते कही जाती है लेकिन पाप तो सतयुग , द्वापर युग और त्रेता युग में भी होते थे गीता में अर्जुन को ज्ञान देते हुए भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि एक दिन सबका अंत होना है इसलिए हमे पछताना नहीं चाहिए ईश्वर से सच्चे मन से जो भी माँगो उसकी हर कामना पूरी होती है आगे जब स्वरूपों के द्वारा विवाह की दिव्य छठा भक्तो को दर्शन करने के लिए मिली तो भक्त भगवान के चरण पखरकर कृतार्थ हो उठे विवाह गीतों पर सभी श्रोतागण थिरकने लगे और सभी ने छूम कर आनन्द लिया कथा में ढोलक पर परमानंद कुशवाहा तेरई फाटक, बैंजो पर गनेश राय पटउआ,पैड पर अभिषेक राजपूत ललितपुर ,ऑर्गन पर राजकुमार सिंह राजपूत ललितपुर संगत दे रहे है कथा रसपान करने के लिए दूर दूर से भक्तो की भीड़ उमड़ रही है कथा में समस्त ग्रामवासियो का विशेष सहयोग प्राप्त हो रहा है
सिद्धक्षेत्र राख पंचमपुर मैं स्थित श्री श्री 1008 श्री सिद्ध बाबा मंदिर के पावन स्थान